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इन लव विथ बिलियनेयर( कॉन्ट्रैक्ट मैरिज ) (भाग-26)







खुशी जब दीवार पर लगी हुई फोटोज देख रही होती है तो  एक फोटो पर उसकी नजर अटक जाती है......वो उठकर दोनों फोटोज के बीच से वो निकालती है और  देखती है कि वो फोटो उसकी खुद की है ...जिसमे वो रेस्टोरेंट मे काम कर रही  ......खुशी कुछ सोचती है और जाकर सो जाती है .

अब आगे ,

अगली सुबह,
ऋषभ जब अवनी को किस करने जाता है तो कोने में देख कर हैरान हो जाता है जिससे उसका हाथ गलती से अवनी के फेस पर चला जाता है .....अवनी .....ऋषभ के हाथ रखने कि वजह से घबारा  जाती है और हड़बड़ा कर अपना हाथ उठाती है तो ऋषभ को एक चाटा पड़ जाता है .....
.ऋषभ अपना गाल पकड़ कर उसकी तरफ देखने लगता है .....अवनी आंखे कई बार खोल - बन्द करके ऋषभ को देखती है और कहती है ,

अवनी - ये...ये आप क्या कर रहे थे???🙄
ऋषभ - आपने जो किया वो क्या था ...
अवनी - हां तो गलती आपकी थी ना ....
ऋषभ -( हैरानी से ) मेरी ग़लती ?
अवनी ,- जी हां आपकी गलती .....ऐसे ही किसी के फेस पर हाथ कौन रखता है ...

( तभी कोने में से आवाज आती है है - ओय बस करो आप दोनों ..सुबह उठे नहीं कि लड़ना शुरू ....दोनों कोने में देखते है  और फिर  एक साथ ही बोलते है ,)

अवनी - ऋषभ - आनंद - देवर जी ....
आनंद -( उबासिया लेते हुए ) हां मै ही हूं ....

( अवनी अपनी साड़ी ठीक करके फटाक से उठकर खड़ी हो जाती है और कहती है )

अवनी - आप यहां क्या कर रहे है ?
आनंद - ओह हो भाभी अब क्या मै यहां भी नहीं आ सकता .😭.....
अवनी - नहीं ..मेरा मत...
( ऋषभ बीच में ही ) 
ऋषभ - हां नहीं आ सकते ...

( आनंद वहीं पर खड़े ही ऋषभ को घूरता है और उसी टाइम छींक मार देता है ...)

ऋषभ - ( आनंद को पकड़ते हुए ) तुम ...तुम ठीक तो हो ना ?
अवनी -(  हंसते हुए )पूरी रात ये कमरे से बाहर रहे है झूखाम तो ......

( अवनी भी छिंक मार देती है )

ऋषभ - ( घूरते हुए ) दूसरो को ज्ञान देने से पहले खुद पर आजमाया करिए......

( ऋषभ फिर आनंद को अंदर लेकर आ जाता है और खिड़कियां सारी बन्द कर देता है क्योंकि बाहर तेज हवा चल रही होती है .....फिर खुद नीचे जाता है और गर्म पानी और काढ़ा लाकर दोनों को पीने को कहता है बिना ना - नुकुर किए हुए )

आनंद - भाई मेरी  छींक ठीक हो गई है....मुझे ये काढ़ा नहीं पीना ....
ऋषभ - ( गुस्से में 😡) मैंने कहा पियो....
आनंद -( मुंह लटकाए ) ठीक है ....

( आनंद अपना काढ़ा पीने लगता है , अवनी इधर - उधर देखती है और ऋषभ जब आनंद को देख रहा होता है तो..... वो  काढ़े की 🍜 बाउल को नीचे झुक कर बेड के नीचे  सरका देती है …..और सीधी होकर मुस्कुराने लगती है ..…….....तभी ऋषभ कहता है )

ऋषभ -( अवनी से ) बाउल निकालिए नीचे से ....
अवनी -( हैरानी से ) कौनसा बाउल .....
ऋषभ - काढ़े वाली ....

( अवनी एक बाउल दिखाती और कहती है )

अवनी - ये देखिए मेरी बाउल ..बिल्कुल खाली ...
आनंद -( हंसते हुए ) भाभी ये मेरा है ......

( अवनी नीचे देखते हुए ही आनंद वाला बाउल रख देती है और ऊपर देखती है तो ऋषभ अपने हाथो को फोल्ड करके उसे ही देख रहा होता है ..........वो झुक कर बाउल निकालती है और आंखे बंद करके एक ही बार में पूरा पी जाती है ......और टेबल पर बाउल रखते ही कहती है ,)

अवनी - आ आ .....कितना घटिया था ये ....

( ऋषभ को धक्का मारकर ..रूम से बाहर निकलकर सीधे किचन मे पहुंचती है और फ्रिज खोलकर आईसक्रीम खाने लगती है .............उसकी ऐसी हरकत से सारे नौकर एक दूसरे को देखने लगते है .......तभी ऋषभ आता है और आईसक्रीम की बाउल अवनी के हाथो से छीन लेता है  और गुस्से में कहता है )
ऋषभ - आपका दिमाग तो ठीक है ना ....
अवनी -( आईसक्रीम चाटते हुए ) हां मेरा ठीक है आपका नहीं ......

( पीछे सारे नौकर मुंह नीचे किए धीरे धीरे हंसने लगते है तो ऋषभ एक हाथ से इशारा करता जिससे सारे वहां से खिसक जाते है .......ऋषभ फिर बाउल काउंटर पर रखकर अवनी की तरफ बढ़ने लगता है ......तो अवनी उसे घूरते हुए कहती है )

अवनी - ये ...ये आप क्या कर रहे है ....
ऋषभ -( दोनों हाथ ऊपर करते हुए ) मैंने तो अभी तक कुछ किया ही कहा है ...
अवनी - हटिए मुझे जाना है ....
( ऋषभ और आगे बढ़ते है ....उसकी कमर को पकड़ लेता है )
ऋषभ - कहा जाना है आपको ....
अवनी -( आंखे बन्द करते हुए ) प्लीज़ कुछ करना मत .....
ऋषभ - ( अवनी को अपने से चिपका कर ) तो फिर आप मेरी कोई बात क्यों नहीं सुनती है ....
अवनी - ( आंखे बंद किए ही ) मै ...मै अभी रेडी नहीं हूं किसी चीज के लिए ....….

( ऋषभ बिना कुछ कहे अवनी को वहीं किचन मै छोड़कर अपने रूम मे चला जाता है .....उसके जाने के बाद अवनी आंखे खोलती है और कहती है )
अवनी - (🙄) मैंने कुछ ग़लत तो नहीं कहा ना ...

( फिर वो किचन से बाहर निकलते ही 3-4 बार छींके मारती है ....जब ऊपर कमरे में पहुंचती है तो देखती है कि आनंद बेड पर कंबल ओढ़े बैठा हुआ है और फोन देख रहा है ........अवनी को वहां देखकर वो ( मुस्कुराते हुए कहता है ) 

आनंद - भाई बाथरूम में है ....
अवनी -( सोफे पर बैठते हुए ) आप घर  क्यों नहीं गए थे कल ??
आनंद - ( सर नीचे लटकाते हुए ) भाभी मैंने जो किया वो ग़लत था ना ....
अवनी - हां गलत तो था ....
आनंद - तो बस इसलिए नहीं गया ...वरना मॉम मेरी बैंड बजा देंगी......
अवनी - ( धीरे से ) वो तो बजनी ही है ...
आनंद - कुछ कहा आपने भाभी.....

( ऋषभ बाथरूम से बाहर निकलकर ) 

ऋषभ - हां यही की दफा हो जाओ कमरे से ....
अवनी -( आंखे बड़ी करके ) अरे मैंने ऐसा कब कहा .....

( ऋषभ बिना जवाब दिए टॉवेल लेकर बाथरूम मे चला जाता है तो आनंद कहता है )

आनंद - शांत थयो भाभी जान ....ये अकडू मजाक करके गए है 😂
अवनी - हमम ठीक .....

( आनंद थोड़ी देर शांत रहकर पूछता है )

आनंद - भाभी...खुशी जी कहा है ??
अवनी -( मुस्कुराते हुए ) याद आ रही?
आनंद -( शर्माते हुए ) वो तो ......
अवनी - ( हंसते हुए ) अपने ससुराल में ही है ....
आनंद -  ( शॉक होकर 🙄) क्या ?? ....आप भी मजाक क्यों कर रही है .....मॉम का चाटा मुझे अभी तक याद है .😕..ओह गॉड डैड मुझे नहीं छोड़ने वाले .....

( ऋषभ फिर से बॉथरूम से बाहर आता है और कहता है )

ऋषभ - घर  जल्दी जाओ वरना एक और चाटा मिलेगा .....
आनंद - ( घूरते हुए ) क्यों भगाने पर तुले हुए हो ....मै चला जाता हूं अगर आपको रोमांस करने का मौका नहीं मिल रहा ....🙄

( ऋषभ बेड से तकिया उठाता है और एक मारता  है    आनंद को..... फिर से बॉथरूम मे चला जाता है )

आनंद - मन तो कर रहा भाई को पीट दू....आराम से नहा नहीं पा रहे है ...😕
अवनी -( गर्म पानी पीकर ) आप घर जाइए ....
आनंद -( मुंह लटकाते हुए ) अब आप भी भाभी .....
अवनी - खुशी अकेले होगी .....( आनंद को समझाते हुए ) आपने जो किया वो तरीका ग़लत था ...फिर भी अब आपको ही खुशी को संभालना होगा 😊......
आनंद - मुझे पता है खुशी जी अब मुझसे बहुत ज्यादा ही नाराज होंगी ....मै कैसे उनके सामने जायूंगा
अवनी - (हंसते हुए ) दोनों टांगो से .........
आनंद - भाभी 🙄
अवनी - मेरी खुशी के दिल में कहीं ना कहीं.... किसी कोने में प्यार होगा ही आपके लिए ....
आनंद - हू नोज़ !!!
अवनी - आई नो 🙂........

( अवनी फिर वहां से उठकर विहान को कॉल करती है और बात करने के बाद कहती है )
अवनी - देवर जी......अब आप घर जा सकते है... वहां सब ठीक है ..

आनंद - थैंक्यू सो मच मेरी प्यारी भाभी ......
अवनी -( मुस्कुराते हुए कहती है ) एक बात पूछूं?
आनंद - एक नहीं करोड़ सवाल पूछिए ..😁
अवनी -( मम) आपका कोई और भाई भी है क्या ???
आनंद -( हंसते हुए )हम दो कम है क्या ......जो एक और देवर चाहीए ...
अवनी - नहीं नहीं .....
आनंद - भाभी जान हमारी फैमली मे जितने लोग है सबका बताता हू...डैड ,चाचू,चाची जी ,मॉम, ऋषभ भाई ,विहान भाई ,संजना,आप...अब तो विवेक और परी ....( थोड़ा रुक कर ) और हां .. बड़ी...

( तभी ऋषभ नहा कर बाहर आ जाता है और आनंद को वहीं बैठे देखकर कहता है )

ऋषभ - तुम घर नहीं जाने वाले हो ....
आनंद - जा रहा हूं .....पर आप भी चलिए ना ...
ऋषभ -( बालो को सुखाते हुए ) मुझे ऑफिस जाना है ...
आनंद - भाभी आप चलिए ना....
ऋषभ - वो भी ऑफिस जा रही है ...
अवनी - मै ....मै किसलिए ऑफिस जाऊंगी ....
ऋषभ - आप मेरी न्यू असिस्टेंट ....
अवनी - मै नहीं जा रही ....मुझे और भी काम है ...

( ऋषभ ....अवनी की तरफ देखने लगता है तो ...अवनी ठीक है कहकर रूम से बाहर चली जाती है .....आनंद भी फ्रेश होता है और ऋषभ की ड्रेस पहनकर ब्रेकफास्ट करता है और निकल जाता है .........उसके जाने के बाद अवनी की छींक ही नहीं रुकती है .......वो रुमाल से अपना फेस ढक लेती है और हॉल में लगे सोफे पर सो  जाती है ..

..ऋषभ जब तैयार होकर वहां से जाने लगता है तो अवनी को ऐसे लेटे देख उसके पास जाता है और धीरे से रुमाल हटाकर देखता है  कि उसकी पूरी नाक छींक की वजह से लाल हो गई है .......तभी अवनी हिलती है तो वो पीछे हट जाता है ......फिर से झांकता है और कहता है ,
ऋषभ - ये सोते हुए ही कितनी अच्छी लगती है ...

(..उसके बाद वो अवनी का हाथ पकड़ता है जगाने के लिए तो पिछे कर लेता है ....क्योंकि बुखार की वजह से अवनी की बॉडी तप रही होती है .......वो जल्दी से डाक्टर को कॉल करता है आने के लिए ...फिर विहान को काल आज कि मीटिंग संभालने के लिए .....उसके बाद अवनी को गोद में उठाता है और रूम में लेजाकर ...बेड पर लिटा देता है और कंबल से उसे ढककर ...लिली को कहता है ठंड पानी और रुमाल लाने के लिए.. .....थोड़ी देर बाद लिली आ जाती है तो ऋषभ ....बाउल  में रुमाल भिगोकर ..अवनी के माथे पर रख देता है .......


दूसरी तरफ.
आनंद जब घर के सामने पहुंचता है तो देखता है कि अनंत जी और आकाश जी ( विहान के पापा ) दोनों लोग ऑफिस के लिए जा रहे ....वो भागकर पेड़ के पीछे छुप जाता है और उनके जाने के बाद घर में जाता है ...तभी संजना सामने आकर खड़ी हो जाती है और कहती है ,
संजना - क्यों रे ..कहा थे पूरी रात ...🙄
आनंद - तुम हटो सामने से ....मुझे बहुत काम है ....
संजना - अच्छा जी ..अभी मजा चखाती हूं ....
( संजना फिर चिल्ला कर कहती है )
संजना - मम्मा  चिरकुट आ गए है ....
आनंद -( हैरानी से) वॉट....

( वो पीछे मुड़कर देखता है और कहता है )

आनंद - कौन चिरकुट ?
संजना - आप....... हाहहा 
( तभी निहारिका जी और सपना जी आ जाती है और आनंद के सामने खड़ी हो जाती है तो ....उसका  दिल धक - धक करने लगता है वो डरते हुए...पीछे होता है और झुक कर बैठकर कहता है )
आनंद -( कान पकड़ते हुए ) मॉम प्लीज़ माफ कर दीजिए ...मुझे घर से बाहर मत निकालना ......वरना मै कहा जायूंगा....
निहारिका जी - ( हंसते हुए ) अपने कमरे में ....
आनंद -( बैठे हुए ही हैरानी से ) क्या .??
सपना जी - जल्दी चले जाओ ...क्योंकि हमारा मूड बहुत ठीक है ........( सर हिलाते हुए ) जल्दी जाओ मेरा मूड ऑफ हो रहा है ........

(आनंद दोनों लोगो को देखता है और फटाक से उठकर ...सीढ़ियों पर से कूदता हुए अपने कमरे के डोर पर पहुंच जाता है ......नीचे सब उसे ऐसे भागते हुए देखते है तो  हंसने लगते है..........आनंद फिर  खुद को शांत करता है और धीरे से डोर खोलकर देखता है कि ख़ुशी नीचे बैठी हुई है ,


दरवाजा खुलने की आवाज से खुशी दरवाजे की तरफ देखती है और फिर मुड़कर बालकनी की तरफ .....आनंद रूम के अंदर जाता है और अलमीरा खोलकर जगह बनाने लगता है ..खुशी की ड्रेस के लिए....तभी संजना नॉक करती है ..तो आनंद डर जाता है आवाज से ........
आनंद - यार तुमने तो मुझे डरा ही दिया था
संजना - ( मुस्कुराते हुए ) क्यों ...कुछ कर रहे थे क्या ....
आनंद - खिसक लो ...वरना सबको बता दूंगा कि तुम देव को कैसे जानती हूं ..... 
संजना - ( गुस्से में ) बेवड़े ......मै ये चाय लेकर आई थी ..मॉम ने भेजा था ...क्योंकि ऋषभ भाई ने कहा कि आपको जूखाम है .....
आनंद - नहीं नहीं मै ठीक हूं ...

( तभी छींक मार देता है जिससे सारे कपड़े हाथ से छूट कर नीचे गिर जाते है ......संजना हंसते हुए )

संजना - झुट्ठे ....काढ़ा भी भेज रही हूं ..पी लेना बिना किसी ना नूकुर किए हुए ...
आनंद - तुम दोनो भाई बहन पीछा कब छोड़ेगे ....
संजना - कभी नहीं ....

( हंसते हुए वहां से चली जाती ....उसके जाने के बाद खुशी उठती है और नीचे गिरे हुए सारे कपड़ो को उठाने लगती है तो आनंद भी नीचे बैठ कर कपड़े उठाते हुए कहता है )

आनंद - खुशी जी ..
( खुशी कोई जवाब नहीं देती है )
आनंद - खुशी जी प्लीज़ एक बार मेरी बात तो सुनिए .....

( खुशी बिना जवाब दिए ही कपड़े उठाकर फोल्ड करने लगती है तो आनंद कपड़ा छीन कर नीचे फेंक देता है .....खुशी रुक कर आनंद की तरफ देखती है.... फिर  कपड़े फोल्ड करने लगती है.............आनंद उसकी ऐसी हरकत से अवाक हो जाता है ...वो भी कपड़े फोल्ड करने में हेल्प करता है उसके बाद ...दरवाजा खोलकर बाहर आ जाता है तो निहारिका जी कहती है ,)
निहारिका जी - ( काढ़ा देते हुए ) ये पी लो ....
आनंद - नहीं पीना है 
( कहकर बाहर चला जाता है ....खुशी बालकनी से आनंद को जाते हुए देखती हैं और भागते हुए नीचे जाकर निहारिका जी से काढ़ा लेकर .....आनंद के सामने खड़ी हो जाती है .....)
खुशी - ये पी लीजिए.....
आनंद - ( खुश होकर। ) आप मुझसे बात कर रही है ..... थैंक्यू सो मच.....

( खुशी बिना कुछ कहे... ....आनंद को इशारा करती है काढ़ा पीने के लिए ....वो मुस्कुराते हुए खुशी को देखते ..देखते काढ़ा पी जाता है ....पीछे खड़ी निहारिका जी ..उसके कंधे पर हाथ रखती है तो ..वो मुस्कुराते हुए घूमता है और उनके गले लगकर कहता है )

आनंद - मॉम ..आज मै बहुत खुश हूं ...जा रहा ऑफिस ..
निहारिका जी - क्या जरुरत है ऑफिस जाने की ..... तुम खुशी जाओ आज घूम कर आओ ....
खुशी - आंटी जी...अभी मेरा मन नहीं है जाने का ...
( इतना कहकर वो वहां से अंदर चली जाती है .....आनंद कहता है )
आनंद - मॉम  .ये अभी भी मुझसे नाराज है ...😕
निहारिका जी - ( कंधे पर हाथ रखकर) कोई बात नहीं बेटा  ..दिल छोटा मत करो ....ऐसा कुछ दिन तक चलेगा 

( हंसते हुए अंदर चली जाती है तो आनंद कहता है )
आनंद - आप मॉम है या दुश्मन😕

निहारिका जी -( हंसते हुए )  जो द से शुरू होता है वहीं ......

( आनंद उह करके बाइक लेता है और रेस्टोरेंट के लिए निकल जाता हैं .... वहां पहुंचकर देखता है कि आदि और रिया एक दूसरे की तरफ पीठ करके बैठे हुए है )

आनंद - क्या हुआ भाई ....आप लोग कबसे नाराज होने लगे ...
आदि - मै कहा नाराज हू...ये तो रिया जी है ...
आनंद -( रिया की तरफ मुड़कर ) क्या हुआ आपको ...
रिया - आनंद जी अब तो मै आपसे भी बात नहीं करूंगी ...

( आनंद हैरानी से )

आनंद - मैंने क्या किया अब..
रिया - रोहन को खुद अकेले पिट लिया और मुझे बताया तक नहीं 🙄....
आनंद -  हाहा..अभी तो आपको और मौके मिलेंगे ...(दोनों के सामने हाथ जोड़कर ) प्लीज़ कोई खुशी जी को मना लो मेरे से बात करने के लिए ....
आदि - गायब हो जाओ यहां से  ...मेरी वाली अभी मुझसे खुद नाराज है .....
आनंद - पाप लगेगा...अगर इस दुखियारी की बात नहीं सुने तो। ...

( तभी पीछे से कोई कहता है )

- मै कोई मदद करूं...

( आनंद मुड़कर देखता है तो  देव सामने खड़ा होता है एक बड़ी सी स्माइल के साथ....उसे वहां खड़ा देख आदि कहता है )
आदि - अरे देव तुम....
देव -( मुस्कुराते हुए धीरे से ) आपको भी देव पुराण चाहिए ना...रुकिए देता हूं ..
( वो बैग से बुक निकालता है और कहता है )
देव - ये लीजिए देव पुराण ...( धीरे से ) इसमें सब लिखा है कि गर्लफ्रेंड अगर दुखी हो जाए तो कैसे मनाए ......
आदि - ( हिचकिचाते हुए ) क्या...क्या सच में...
देव - यो ब्रो ....
( आदि बुक लेकर चला जाता है तो आनंद कहता है )
आनंद - तुम वही हो ना ..जो रोहन को पकड़ कर लाए थे ..
देव - जी जनाब..
आनंद - हम पर इतनी मेहरबानी क्यों ...??🙄
देव - अरे जीजू ...मेहरबानी का कारण है ऋषभ जीजू....वो हमारी हेल्प कर रहे हमारी बहन को फाइंड करने में ....
आनंद - जीजू ...??
देव -( खुश होते हुए ) जी हां . ख़ुशी दी ..अवनी दीदी की दोस्त है ....तो इस रिश्ते से वो मेरी भी दीदी हुई ....अब उनकी शादी आपसे हो गई है तो ....आप हुए ना जीजू 😎
( दिमाग बहुत है पर कभी घमंड नहीं किया )

आनंद - ( हंसते हुए ) तो यूपीएससी का पेपर क्लीयर करो ...
देव -( हाथ जोड़ते हुए ) बस कर पगले .....( बुक निकालकर ) ये लीजिए मेरा पुराण और दी को मना लीजिए ... 
आनंद - (बुक लेते हुए ) शायद जरूरत ना पड़े ......वैसे तुम यहां कैसे .??( शकी नजरो से ) पीछा कर रहे थे क्या ....
देव - अरे नहीं नहीं ...मै रेस्टोरेंट से लंच पैक कराने आया था .....
आनंद - फिर ये बुक ?
देव -( खुश होते हुए😎) क्या करू....क्या पता कब किसी को मेरी किताब की जरूरत पड़ जाए .....इसलिए सबका सोचकर 3-4 लेकर घूमता हूं .......अच्छा अब मै चलता हू वरना नील भाई ..... मुझे पूरी दुनिया एक ही घुसे मे घुमा देंगे .......
आनंद - ( हंसते हुए )ठीक है ...
( देव फिर अपना लंच लेकर वहां से चला जाता है और आनंद रेस्टोरेंट मे मास्क  पहन कर काम करने लगता है )

दूसरी तरफ...ऋषभ...अवनी के ही बगल में बैठकर उसका माथा ठंड करने को कोशिश कर रहा होता है ...तभी डॉक्टर भी आ जाती  है और अवनी का चेक अप करने के बाद कहती हैं ,
डॉक्टर - मैंने इंजेक्शन तो दे दिया ....सुबह तक ठीक हो जाएंगी ...बस कोई ठंडी चीज मत देना खाने को और हां पूरा ख्याल रखना ....

( डॉक्टर फिर चली जाती है तो ऋषभ उस दिन के लिए सबकी छुट्टी कर देता है ......अवनी को अभी भी होश नहीं आया होता है ....ऋषभ फिर किचन में जाता है और उसके लिए गरमा गर्म खिचड़ी बना कर रूम में लाता है ..इस चक्कर में उसकी उंगली भी जल जाती है ......थोड़ी देर बाद जब अवनी को होश आता है तो वो बैठने की कोशिश करती है ...ऋषभ फिर उसकी हेल्प करता है बिठाने मे उसके बाद वो उसे अपने हाथो से खिचड़ी खिलाता है .........तो अवनी कहती है )
अवनी -( थोड़ा सा खाकर ) बस ...अब मुझे नहीं खाना ये खिचड़ी ....
ऋषभ - क्यों अच्छी नहीं बनी क्या ...??
अवनी - (धीरे से हंसते हुए ) इसमें नमक की जगह चीनी डाली हुई है ......
ऋषभ - ( हैरानी से ) ऐसा हो ही नहीं सकता है .....

( ऋषभ फिर खिचड़ी खाता है तो भागकर बेसिन के पास जाता है और मुंह साफ करके कहता है )

ऋषभ - ये इतना बेकार लग रहा था आपने बताया क्यों नहीं ...🤢
अवनी - ( बात काटते हुए ) मेरा सर दर्द हो रहा तो मै सोने जा रही हूं फिर से .....
( अवनी फिर आंखे बन्द करके सो जाती है .......ऋषभ वहां से उठकर किचन मे जाता है और चीनी का डब्बा उठाता है जिसपर नमक लिखा होता है ....तभी उसके नीचे से एक पर्ची गिरती है .....ऋषभ उसे  खोलकर पढ़ता है जिसमे लिखा होता है -

और भाई जान कैसा लगा आज का लंच 😂मजा आ गया होगा ना ....😜मुझे नेक्स्ट टाइम से भगाया तो इससे भी बड़ा वाला कांड करूंगा .... हाहा😂
            - आपका सर्वप्रिय ( आनंद बाबू ) 


ऋषभ गुस्से में फोन निकालता है और आनंद को कॉल  करता है .....वहां आनंद समझ जाता है कि अब प्राण संकट मे है तो हंसते हुए फोन साइलेंट पर रख देता है ........ऋषभ फिर विहान को कॉल करता है तो पता चलता है कि मीटिंग अनंत जी और आकाश जी संभाल रहे है क्योंकि ...विहान ने प्रेजेंटेशन दिखाने कि जगह पर ....

तेरे दर पर सनम चले आये 
तू ना आया तो हम चले आये

ये सोंग चला दिया था जिसके कारण सब लोग हंसने लगे थे .........ऋषभ फोन कट करके अपना माथा पकड़  कर कहता है ,
ऋषभ - ( गुस्से में ही ) ये लोग तो  कंपनी  ही लूटवा देंगे

( फिर वो अपना सारा सामान लेकर वहीं रूम मे बैठकर ऑनलाइन मीटिंग्स अटेंड करने लगता है ....पर बार बार बोलने की वजह से अवनी की नींद खुलने लगती है तो वो उठकर नीचे स्टडी रूम मे चला जाता .....पूरी शाम तक मीटिंग चल रही होती है …इस बीच अवनी की नींद खुलती है तो अपने बेड पर बिल्ली बैठी देखकर चिल्ला देती है ... जिससे ऋषभ अपना सारा काम छोड़कर ...भागकर रूम मे आ जाता है  तो अवनी बेड से उठकर उससे लिपट जाती है और कहती है ...
अवनी -( डरते हुए ) यहां... यहां बिल्ली थी ..मुझे बिल्लियों से डर लगता है
ऋषभ - इट्स इंपॉसिबल ....
अवनी - मै सच बोल रही हूं .....यहां सच में बिल्ली थी ..

( ऋषभ ...अवनी को शांत करता है और बालकनी और सारी खिड़कियां फिर से बन्द करके ....बाहर आकर सिक्योरिटी गार्ड से बात करता है ...जो बताते है कि .. हां उन्होंने भी बिल्ली देखी थी ....ऋषभ फिर उन्हे गुस्से में इंस्ट्रक्ट करता है कि ध्यान रखे ....अब कोई बिल्ली या जानवर ना आ पाए ......फिर वो कमरे में आता है और अवनी को मेडिसिन देकर फिर से नीचे चला जाता है ...मीटिंग में .......ऊपर अवनी ...सोते सोते परेशान हो चुकी होती है तो ...लिली को आवाज देती है तभी उसके फोन पर ऋषभ का मैसेज आता है कि कोई घर नहीं है .......

नोट - ऋषभ ने अवनी का फोन उसे से दिया होता है जब संजना आ जाती है तो .......

अवनी - अजीब है ये तो .... सबको घर क्यों भेज दिया .....( मन में सोचते हुए ) कहीं इनका कुछ प्लान तो नहीं ??......नहीं नहीं ..ऐसा नहीं कर सकते ....वो भागकर रूम का डोर अंदर से लॉक कर देती है और फोन मे गाने सुनने लगती है ........थोड़ी देर बाद बेड से उठती है और जहां ऋषभ बैठा होता है ..उसी रूम की तरफ जाने लगती है तो ....किसी को खूसुर - फुसुर की आवाज सुनकर  दरवाजे पर ही रुक जाती है ..................


दूसरी तरफ ....

आनंद जब घर पहुंचता है तो विहान को एक कोने में पाता है .....पुराने गाने सुनते हुए तो .....कहता है ,
आनंद - ये तो पूरा पागल ही हो गया है पारो की याद है ....मतलब टविंकि की याद में ........
संजना - और चिरकुट कैसा रहा दिन ?
आनंद - अभी तक तो ठीक था ...तुम्हे देखकर खराब हो गया ....
संजना - ( आंखे छोटी छोटी करके ) मै क्या इतनी बुरी दिखती हूअभी मॉम को बताती हूं ....

( ओ मईया तभी आनंद पीछे से उसका मुंह बंद कर लेता है और 2000 का नोट देखर कहता है )
आनंद - जाओ यहां से और उस पुराने गाने की रेडियो मतलब विहान को खिड़की से बाहर फेंक दो ..
संजना - पहली कमाई ...क्या बात है 😄अभी आपका ऑडर फ़ॉलो करती हुए ....

( संजना रूम मे जाकर विहान का हाथ पकड़ती है और कहती है ,)
संजना - चल शुतुरमुर्ग..😜.....2000 मिले है तुझे खिड़की से बाहर फेंकने के लिए ......
विहान - चलो.........( हाथ दूर करते हुए ) क्या ...बकवास कर रही है ....

( विहान ...सपना जी को बुलाता है....तो सपना जी दोनों को एक एक लगा देती है बेलन .......संजना आउच करते हुए अपने कमरे में चली जाती है और विहान ...आनंद से कहता है)
विहान - तूझे तो मै छोडूंगा नहीं .....🙄..सबसे छोटा है पर शादी तेरी पहली हुई .....( दुखी होते हुए ) जा भाई जी ले अपनी ज़िन्दगी .......

( आनंद हंसता हुए अपने कमरे में जाता है और जैसे ही डोर ओपन करता है देखता है कि पूरे रूम मे अंधेरा है ....वो धीरे धीरे अन्दर जाता है और कहता है )
आनंद - खुशी जी....

( कोई जवाब नहीं मिलता है )

आनंद - आप कहा है खुशी जी ....( डरते हुए ) ये ...ये लाइट किसने ऑफ किया है ......


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वाह आप लोगो के विचार पढ़कर तो मजा ही आ गया 💗 बस इसी तरह आप लोग पार्ट पढ़ने के बाद अपने विचार बताते रहे यू नो ना इट्स लाइक अ मोटिवेशन ( एनर्जी ड्रिंक) फॉर राइटर्स .....और एक बात कहानी के हर पात्र को हमने मुख्यता का पात्र बनाया तो आगे जाकर आपको सबके सीन मिलेंगे ऐसा नही है की एक पात्र के चक्कर में बाकी पात्रों का जिक्र ही नहीं 🤗💛हमारी कहानी की सबसे खास चीज है जिसे लोग पसंद करते है ..उम्मीद है आपको भी अच्छा लगेगा ,।।

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10 Comments

shweta soni

27-Jul-2022 06:41 AM

Bahut khub 👌

Reply

Ali Ahmad

03-Mar-2022 01:11 PM

हमे भी मजा आता है आपका पार्ट पढ़ने में

Reply

Arman

02-Mar-2022 05:41 PM

Nice

Reply